Wednesday, August 29, 2018

शक


उन्हे शक है कि मुझे प्यार है
उन्हे छोड किसी और पे ऐतबार है

उन्हे तो मेरे जिक्र भर से नफरत है,
पर मेरे इस दिल का क्या  
जिसपे हर घडी हर पल उनहि का खुमार है।

शक तो एक परजिवी है
जिसे हर पल एक आसियाने की तालाश होती है
मन के किसी कोने में सिंचित होकर
पुरे दिलो-दिमाग पर छाने की आश होती है
जिंदगी का एक वाक्या भर होता है
उसके साथ,
फिर न जाने कब कहां और कैसे
देखते हीं दखते सारी कायनात उसके साथ होती है

गैरों की बातों में आकर युं नजरे फेर लेना,
उनका प्यार है।
पर मेरे उन लब्जो का क्या
जिसमें हर सच और हर झूठ का इकरार है।
उन्हे शक है कि मुझे प्यार है
उन्हे छोड किसी और पे ऐतबार है।

ये सच है शायद कि शक की कोई सुरत नहीं होती
वरना दिल के आईने में वो बेनकाब जरूर होता
कितनी सांसे ली है मैनें उनकी याद में
मेरी धडकनों का, 
मेरे जजबातों का कुछ तो हिसाब जरूर होता

वो कहते हैं धुआं वही पे उठता है जहाँ पर आग होती है
पर मेरे इस आग का क्या?
जो तन-बदन को खाक करने को तैयार है
उन्हे शक है कि मुझे प्यार है
उन्हे छोड किसी और पे ऐतबार है।

मुझपर अगर तसल्ली न थी
तो खुद पर हीं यकीं कर लेते
क्यूँकि मेरे अंदर भी तो तुम थे।
प्यार होता है ये तुम्हीं ने बताया,
ख्याल रखना भी तुम्हीं ने सिखाया,
फिर मेरा न सही,
मेरे ख्यालों का हीं ख्याल कर लेते
क्यूँकि उन ख्यालों में तो तुम थे ।

अब तो उन्हे अपने शक पर भी यकीं है
पर मेरे इस यकीन का क्या
जो आखों को हर पहर उनहीं का इंतजार है।
उन्हे शक है कि मुझे प्यार है
उन्हे छोड किसी और पे ऐतबार है।

उम्मीद से जो रिस्ते बनते हैं
वो उम्मीदों से हीं टूट जाते हैं
ऐसे रिस्तों का बनना- बिगडना आम है
दूसरे का गम दूसरे के नगमें
दूसरे की खुशी दूसरे के सपने
प्यार तो खुद को फ़ना कर देने का नाम है
खुदा गवाह है
प्यार ने किसी का घर नहीं तोडा
हां! प्यार का न होना हर रिस्ते को नागवार है
किसी से दो बातें हो जाना प्यार है
तो उनसे की उन हजार बातों का क्या
जिसमें सिर्फ और सिर्फ प्यार का इजहार है
उन्हे शक है कि मुझे प्यार है
उन्हे छोड किसी और पे ऐतबार है।

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